गीत/नवगीत

ये दुनिया तो एक रंगमंच है

ये दुनिया तो एक रंगमंच है यारो।
जो अपना है वो आएगा ज़रूर;
और किसी को चाहे कितना पुकारो।

बस भीड़ से ही न बनती बात।
सच्चा हितेषी हो जब शामिल;
हरदम रहता संग हो जैसे हालात।

अपना -अपना किरदार निभाना है।
किसी से मिलना और यूं बिछड़ना;
जब समय खत्म फिर सबने जाना है।

जाने कितने अनसुलझे सवाल है।
जब पता है सबको आखिरी सत्य;
फिर क्यों छोड़ जाने का मलाल है।

ये दुनिया तो एक रंगमंच है यारो।
निभाओ अपना किरदार फिर ऐसे;
नम आँखों से करे कोई याद प्यारो।

— कामनी गुप्ता

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |