जुगनू ।
अमावस्या की रात में आशा की निगाहें आंगन में पसरे अंधेरे को देख घबरा रही थी। पता नहीं क्यों एक
Read Moreकभी -कभी करता है मन। त्याग के सब उधेड़-बुन। करूं कुछ बातें तुमसे मैं; और कुछ तुम कहो साजन। मन
Read Moreआस बंधाती याद तेरी मन जब डगमगाने लगा तिमिर सा जब छाने लगा फिर किरण बन गई मेरी आस बंधाती
Read Moreहंसते -हंसते पल में क्या हो जाता है। जो रोता है कभी वो सब पा जाता है। पल की खबर
Read Moreतुम से बिछड़ के सोचा न था, फिर तुम से यूं मिलना होगा। उन गलियों में फिर अपना, इक बार
Read Moreराजनीति का गिरगिट पल पल रंग बदल रहा कौआ भी देखो यहां हंस की चाल चल रहा तुम मुझे बुरा
Read More