तुम अदीम हो..
तुम अदीम हो फिर भी मेरे लिए प्रिय आश्ना हो क्या कहूँगा मैं उस खुदा से जब तुम्हें मांगना हो मैंने तसव्वुर में तेरी सुन्दर तस्वीर
Read Moreतुम अदीम हो फिर भी मेरे लिए प्रिय आश्ना हो क्या कहूँगा मैं उस खुदा से जब तुम्हें मांगना हो मैंने तसव्वुर में तेरी सुन्दर तस्वीर
Read Moreएक न एक दिन मैं तुम तक पहुँच जाऊंगा गुबार हूँ तो क्या फलक तक पहुँच जाऊंगा इस जहाँ
Read Moreक्षितिज बना रहें मेरे लिये वातायन तुम मेरे लिये हो बस एक सपन चाहता नहीं कभी भी की उसका हो
Read Moreप्यार का विवरण तुम मांगती हो मुझसे मेरे पास बचे प्यार का विवरण कुछ भी तो शेष नहीं अपने ह्रदय
Read Moreमै बहुत कर रहा हूँ कोशिश ताकि तुम्हें कर लूँ अपनी ओर आकर्षित लेकिन मुझे मालूम नहीं मुझे तुमसे यूँ
Read Moreकभी आईना मेरे सामने था कभी दीवारे थी कभी पत्थर थे कभी सूना जंगल था कभी घाटियाँ थी कभी समुद्र
Read Moreबचपन से अब तक बस मेरी बाते सुनता है कहता कुछ नहीं उसे पत्तियों से लदा देख कर खुश होता
Read Moreसुन लो मेरा स्पन्दनआभा से दमक रहा है तुम्हारा मुख मंडल महक रही हैं तुम्हारी साँसें उसमे घुला हो जैसे
Read Moreतुम तक पहुँचना संभव नहीं हैं सपनो के क्षितिज के द्वार पर तुम हो खड़ी कांच के फलक के
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