कविता

एक कहानी

 

हर ह्रदय की अपनी है
एक कहानी
हर आँखों में है
खारा पानी
दर्द अधरों तक आकर
रह जाते हैं
मूक हो जाती है
न जाने कयों तब वाणी

लोग बहुत हैं दुनियाँ में
पर रह जाता है तन्हा
चित्त अनुरागी

तब ..
प्रकृति के सौन्दर्य से अभिभूत हो
मन की प्रवृति हो जाती है रोमानी

परिवर्तनशील है मौसम
कभी पतझड़ ,कभी बहार
कभी बरखा करती है
अपनी मनमानी

पर्वत ,जंगल ,
बादल ,अंबर
सब हैं साथी
मैं भी बहता हूँ
जब बहती है पुरवाई सुहानी

उदगम से मुहाने तक
चली आई नदिया
भूली नहीं हैं
पर वह अपनी जवानी
हर ह्रदय की अपनी हैं
एक कहानी
हर आँखों में है
खारा पानी

किशोर कुमार खोरेन्द्र क

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

2 thoughts on “एक कहानी

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया !

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बिलकुल सच लिखा है भाई साहीं , मज़ा आ गिया .

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