कवि
जो कुछ ग़लत पर ज़्यादातर सही होता है वही व्यक्ति तो कवि होता है .. kishor kumar khorendra
Read More“तुम आकाश हो” मै सीमित धरती तुम उड़ते हुए उन्मुक्त बादल हो मै एक लकीर पर बहती नदी तुम
Read More“प्यार का कमल” गमले मे खिला है गुलाब का फूल तुम्हारे हृदय में खिला है मेरे प्यार का कमल समूल
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