यही हम बोलेंगे
इक बोगी में भर लो कई हजार। यही,हम बोलेंगे। जीवन जबकि,फंसा हुआ मजधार। यही,हम बोलेंगे। पटना जैसे स्टेशन पर। भीड़
Read Moreइक बोगी में भर लो कई हजार। यही,हम बोलेंगे। जीवन जबकि,फंसा हुआ मजधार। यही,हम बोलेंगे। पटना जैसे स्टेशन पर। भीड़
Read Moreदिया की रोशनी सी जल उठी हो तुम। कभी अर्धांगिनी बन चल उठी हो तुम। कभी माँ-बाप के नयनों में
Read Moreदान मतों के अपने करके । हम रोते हैं। मन में जो विश्वास बचा था, उसको भी हम खो देते
Read Moreप्रेम, दया, करुणा सभी, मानव के श्रृंगार। मिल-जुलकर जो रह गये, हो जाये उद्धार। जीवन का दर्शन यही, यही समूचा
Read Moreढूंढ़ने हम रोशनी को चल दिये। मेरे अरमां हाथों से कुचल दिए।। कंटकों से थी भरी मंजिल मेरी। पर वहीं
Read Moreवो था कितना सुंदरतम पल। जब तुम हो मेरे घर आयी। मेरे जीवन में खुशियों से। तुम भरा कटोरा ले
Read Moreकल्पना को किस तरह साकार कर दूं मैं। किस तरह तीरे नज़र के पार कर दूं मैं। मर रहा हर
Read Moreअपनी धरती की रक्षा को। आगे बढ़े कदम आये हैं। दिया जलाने हम आये हैं। माँ सीता को हरने वाले।
Read Moreहे देवसरी, हे देवनदी। हे देवपगा, हे ध्रुवनन्दा। करती पितरों का तुम तारन। कहलाती हो तुम माँ गंगा।। गंगोत्री हिमनद
Read More