प्रच्छन्न-सी उम्मीद
तू ही मेरी इबादत,तू ही मेरी इनायत,एक प्रच्छन्न-सी उम्मीद है,तेरे मिलने की,न भी मिल सके तो,न कोई गिला-शिकवा,न कोई शिकायत.—
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Read Moreकल हमारे प्रिय पोते आरोह कुमार तिवानी का जन्मदिन था. स्वभावतः सुबह नाश्ते में कुछ मीठा बनना था. हमने सबकी
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