हाथ और हथौड़ा
सौ साल पहले रामराखा जी ने दाल की कचौड़ियों की दुकान खोली थी. उस समय शिक्षा का प्रचलन ना के
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Read Moreकिताबों की दुनिया में आकर तो देखो, सागर से भी ज्यादा गहराई पाओगे, किताबों की दुनिया में खोकर तो देखो,
Read Moreबुआ जब भी आती हैं, खेल-खिलौने लाती हैं, टॉफी-बिस्कुट-कपड़े-मिठाई, चीजें ढेर-सी लाती हैं. ममी कहतीं, ”रोज बुआ से, चीजें लेना
Read Moreशब्द से शब्द निकलता है बात से बात निकलती है किस्से से किस्सा निकलता है कभी-कभी यह यात्रा 2500 मील
Read Moreवह डॉक्टर को दिखाने आई थी छोटी-सी बिटिया को भी साथ लाई थी वह तो अपनी बारी की प्रतीक्षा कर
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