लघुकथा

हाथ और हथौड़ा

सौ साल पहले रामराखा जी ने दाल की कचौड़ियों की दुकान खोली थी. उस समय शिक्षा का प्रचलन ना के बराबर था, रामराखा भी स्कूल की औपचारिक पढ़ाई के मामले में अशिक्षित थे, पर व्यावहारिक और इंसानियत की पढ़ाई के क्षेत्र में उनका कोई सानी नहीं था.
एक बार उनकी कचौड़ियों का स्वाद जिसने चख लिया वह रामराखा का ही हो जाता था. रामराखा खुद अशिक्षित थे तो क्या हुआ, कचौड़ियों की बदौलत कमाए धन से उन्होंने अपने घर और दुकान के दूसरे माले पर कई कमरे बनवा दिए थे, जहां शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थी रहा करते थे. उनका रहना भी निःशुल्क और खाना-पीना भी!
दो बल्कि तीन पीढ़ियां ऐसा ही करती आईं.
तब तक शिक्षा ही प्रधान हो गई थी, उनके बच्चे डॉक्टरी-इंजीनियरिंग करने विदेश चले गए और विवाह करके वहीं के हो गए थे.
घर के मुखिया के चल बसने का समय आ गया था. किसी उम्मीद में विदेश से सभी बच्चे आ गए थे. तेरहवीं होने के पहले ही उन्होंने दुकान बेच देना चाहते थे, सभी विद्यार्थियों का सामान बाहर फिंकवा देने की मंशा थी और शहर की बाकी सम्पत्तियां भी औने-पौने दाम पर बेचकर हिस्सा-पती कर शीघ्र ही विदेश जाना चाहते थे. और कुछ नहीं, पर विद्यार्थियों के मन में हड़कंप छा गया था.
मौजूदा बुजुर्ग ताऊ जी को इस बात की भनक लग गई. उन्होंने विद्यार्थियों को कुछ करने का आश्वासन दिया और दुकान वाली सम्पत्ति को खुद खरीदकर विद्यार्थियों को निश्चिंत कर दिया. इसी दुकान से ही तो उन्हें अपार धनराशि की प्राप्ति हुई थी!
शहर की बाकी सम्पत्तियों को भी धीरे-धीरे सही समय पर बेचने और बच्चों को विदेश में बैठे-बैठे ही उनका हिस्सा-पती भेजने के आश्वासन से शहर की बाकी सम्पत्तियां भी औने-पौने दाम पर बिकने से बच गईं. बच्चों को ताऊ जी पर पूरा विश्वास जो था!
अशिक्षित ने हाथ का सहारा देकर शिक्षा को आश्रय दिया था, शिक्षितों की अशिक्षितता के हथौड़े की एक ही चोट से शिक्षा को मटियामेट करना भला उन्हें कैसे बर्दाश्त होता!

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244