ठूंठ
हम दूध गर्म करते हैं, तो अन्य लाम करते हुए भी सारा ध्यान दूध में ही रहता है, कहीं उबलकर
Read Moreप्रस्तुत है लखमी चंद तिवानी की लोकप्रिय सिंधी कविता ‘मुंहिंजे घर में सीरो ठहंदो आ’. भुक्तभोगी यथार्थ की इस व्यंग्यमय
Read Moreपुनः आदेश बिंदु (लघुकथा) नई-नवेली दुल्हिन शालू का ससुराल में पहला ही दिन था. कल ही तो दिन में रिंग सेरिमनी
Read Moreआज बातें परोपकार की करते हैं. परोपकार की बातें करने से पहले हम आपको पल-पल परोपकार करने वाले प्रभु के
Read Moreइस शृंखला के तीसरे भाग में कुछ विचार होंगे और उन पर हमारा विमर्श होगा. आप भी कामेंट्स में अपनी
Read More(दीपावली विशेष सदाबहार कैलेंडर) 1.पल पल सुनहरे फूल खिलें, कभी न हो कांटों का सामना, जिंदगी आपकी खुशियों से भरी
Read Moreदीपावली: दो कविताएं 1.नेह से नेह के दीप जलाएं नेह से नेह के दीप जलाएं, आओ दिवाली मनाएं, प्रेम-प्यार के
Read Moreकिस्मत बुलंद कर लो हंसकर जीना दस्तूर है जिंदगी का, एक यह किस्सा मशहूर है जिंदगी का, बीते हुए पल
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