शहर में तेरे प्यार का मंज़र नहीं मिला
मकानों के दरम्यान कोई घर नहीं मिला शहर में तेरे प्यार का मंज़र नहीं मिला झुकी जाती है पलकें ख़्वाबों
Read Moreमकानों के दरम्यान कोई घर नहीं मिला शहर में तेरे प्यार का मंज़र नहीं मिला झुकी जाती है पलकें ख़्वाबों
Read Moreपोशीदा बातों को सुर्खियां बनाते हैं लोग कैसी कैसी ये कहानियां बनाते हैं जिनमें मेरे ख़्वाबों का नूर जगमगाता है
Read Moreकितना ग़मगीन ये आलम दिखाई देता है हर जगह दर्द का मौसम दिखाई देता है दिल को आदत सी हो
Read Moreग़ज़ल बनकर तेरी याद की ख़ुश्बू आये हैं दर्द के कुछ कस्तूरी आहू आये हैं रात अमावस की औ” यादों
Read Moreइन्कार नहीं होता इकरार नहीं होता कुछ भी तो यहाँ दिल के अनुसार नहीं होता लेगी मेरी मोहब्बत अंगड़ाई तेरे
Read Moreवफ़ा का फिर सिला धोखा रहा है बस अपना तो यही क़िस्सा रहा है उन्हीं जालों में ख़ुद ही फंस
Read Moreलड़कपन को भी, जो दिल में है अक्सर मार देते हैं मेरे ख़्वाबों को सच्चाई के मंज़र मार देते हैं
Read Moreमुझको मिले हैं ज़ख्म जो बेहिस जहान से फ़ुरसत में आज गिन रहा हूँ इत्मिनान से आँगन तेरी आँखों का,
Read Moreख़्वाब की तरह से आँखों में छिपाये रखना हमको दुनिया की निगाहों से बचाये रखना बिखर न जाऊँ कहीं टूट
Read Moreमिरे वज़ूद को दिल का जो घर दिया तूने इश्क़ की राह को आसान कर दिया तूने ख़लिश मैं ओस
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