गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 26/11/202326/11/2023 गजल वक़्त की रफ़्तार ने क्या गुल खिलाया आजकल दर्द हमसे हमसफ़र बनकर के मिला करते हैं इश्क का तो दर्द Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 25/11/202325/11/2023 क्यों है जिसे चाहा उसे छीना , जो पाया है सहेजा है उम्र बीती है लेने में ,मगर फिर शून्यता क्यों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 13/11/2023 बहुत मुश्किल अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल ख्वाबों और Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 11/11/202311/11/2023 बात किस ज़माने की बात करते हो रिश्तें निभाने की बात करते हो अहसान ज़माने का है यार मुझ पर क्यों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 08/11/202308/11/2023 गजल कौन किसी का खाता है अपनी किस्मत का सब खाते मिलने पर सब होते खुश हैं ना मिलने पर गाल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 16/10/2023 हो जाये वक़्त की साजिश नहीं तो और किया बोले इसे पलकों में सजे सपने ,जब गिरकर चूर हो जाये अक्सर रोशनी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 14/09/202314/09/2023 गजल वक़्त की साजिश समझ कर, सब्र करना सीखियें दर्द से ग़मगीन वक़्त यू ही गुजर जाता है जीने का नजरिया Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 23/08/202323/08/2023 ग़ज़ल जिनका प्यार पाने में हमको ज़माने लगे बह अब नजरें मिला के मुस्कराने लगे राज दिल का कभी जो छिपाते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 20/08/202320/08/2023 ग़ज़ल गर दबा नहीं है दर्द की तुझ पे दिल में दर्द जगाता क्यों हैं जो बीच सफर में साथ छोड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 23/07/202323/07/2023 ग़ज़ल कल तलक लगता था हमको शहर ये जाना हुआ इक शख्श अब दीखता नहीं तो शहर ये बीरान है बीती Read More