गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 08/11/202308/11/2023 गजल कौन किसी का खाता है अपनी किस्मत का सब खाते मिलने पर सब होते खुश हैं ना मिलने पर गाल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 16/10/2023 हो जाये वक़्त की साजिश नहीं तो और किया बोले इसे पलकों में सजे सपने ,जब गिरकर चूर हो जाये अक्सर रोशनी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 14/09/202314/09/2023 गजल वक़्त की साजिश समझ कर, सब्र करना सीखियें दर्द से ग़मगीन वक़्त यू ही गुजर जाता है जीने का नजरिया Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 23/08/202323/08/2023 ग़ज़ल जिनका प्यार पाने में हमको ज़माने लगे बह अब नजरें मिला के मुस्कराने लगे राज दिल का कभी जो छिपाते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 20/08/202320/08/2023 ग़ज़ल गर दबा नहीं है दर्द की तुझ पे दिल में दर्द जगाता क्यों हैं जो बीच सफर में साथ छोड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 23/07/202323/07/2023 ग़ज़ल कल तलक लगता था हमको शहर ये जाना हुआ इक शख्श अब दीखता नहीं तो शहर ये बीरान है बीती Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 17/06/202317/06/2023 ग़ज़ल सजाए मौत का तोहफा हमने पा लिया जिनसे न जाने क्यों बो अब हमसे कफ़न उधार दिलाने की बात करते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 03/06/2023 ग़ज़ल दीवारें ही दीवारें नहीं दीखते अब घर यारों बड़े शहरों के हालात कैसे आज बदले है. उलझन आज दिल में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 10/05/2023 ग़ज़ल प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 17/04/2023 ग़ज़ल वक़्त की साजिश समझ कर, सब्र करना सीखिये दर्द से ग़मगीन वक़्त यूं ही गुजर जाता है जीने का नजरिया Read More