“कचकच और कलरव”
बैंक पुरानी नोट लेने के लिए नई नोट देने को तैयार है, सरकार भी साथ है, दूध वाला उधार देने
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Read Moreगहमा गहमी खूब है, कहीं नमक औ नोट। शोर मचाएँ मतलबी, जिनकी मंशा खोट।। वक्त तख्त के लालची, देते सबको
Read Moreअर्जुन ने की साधना, लक्ष्य भेदता तीर आँख निशाने पर लगी, उठी मछलिया पीर उठी मछलिया पीर, मुनादी बाजे
Read Moreशब्द — विश्व, जगत ,जग , भव ,संसार पैसा पैसा जग करें, पैसा कर कर मैल पहर चबैना खुश हुआ,
Read Moreॐ जय छठ मैया ।। देवा सूर्या साधना, महिमा छठी अपार बाढ़ें पूत सहित पुरा, घर घर छठ छठिहार घर
Read Moreमापनी- 122 122 122 12, 10- 8 पर यति, पदांत- लघु गुरु मना लो गले से लगालो मुझे तमन्ना तुम्हारी
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