एक कुंडलिया………
अमर वीरता कुर्बानी, देश हुआ आजाद प्रतिपल ताजी याद में, सीमा है आबाद सीमा है आबाद, सिपाही सीना ताने हर
Read Moreअमर वीरता कुर्बानी, देश हुआ आजाद प्रतिपल ताजी याद में, सीमा है आबाद सीमा है आबाद, सिपाही सीना ताने हर
Read Moreउड़ा तिरंगा भारती, देख रहा संसार छद्म पराजित हो गया, बौना छुद्र विचार काश्मीर लहरा रहा, भारत माँ की शान
Read Moreयूँ तो कई बसंत देख चुकी है पल्लवी, पर एक भी बसंत उसके जीवन में उत्साह न भर सका। आज
Read Moreगंगा यमुना कह रहीं, याद करों तहजीब हम कलकल बहते रहें, ढोते रहे तरकीब अवरुद्ध हुई है चाल, चलूँ मैं
Read More(मात्रा-भार, 17) दरपन को झरोखा बनने दो हर झील में पुष्प सँवरने दो मत देख रे भौंरें की सूरत अन्तर्मना
Read Moreचित्र अभिव्यक्ति आयोजन सतरंज के विसात पर, मोहरे तो अनेक चलन लगी है चातुरी, निंदा नियत न नेक निंदा नियत
Read Moreप्रदत शीर्षक- हौसला , उम्मीद , आशा , विश्वास , आदि समानार्थी हौसलों को संग लिए, उगा हुआ विश्वास चादर
Read More1- ये खेत उगाते हरियाली करो न रंगाई बीज खूं न भरो उगी है बेहयाई॥ 2- है यही सड़क जो
Read Moreसादर सुप्रभात मित्रों कल नेट समस्या के वजह से मन की बात न कह पाया, अत, पावन नागपंचमी की बधाई
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