मजदूर–( गीतिका )
जख्म दिया है दवा भी दे दो ,उनके हक की हवा भी दे दो। आटा चावल संग सेवक जी ,एक
Read Moreजख्म दिया है दवा भी दे दो ,उनके हक की हवा भी दे दो। आटा चावल संग सेवक जी ,एक
Read Moreअपनों से मुख मत मोड़ो ,जीवन का हर दुख छोड़ो। पेड़ जो दे शीतल छांह ,मत काटो उसे निगोड़ों। गरमी
Read Moreसरकारी सेवा निवृत अधिकारी रामलाल का बाई पास सर्जेरी होना था .पढ़े लिखे बेटे हिसाब लगा रहे थे .इलाज में
Read Moreसारे बच्चे आठ से तेरह वर्ष के थे। सभी उत्साह से काम कर रहे थे , फिर वे काम क्यों
Read Moreदेना है तो दीजिये , थोडा सा सम्मान ,बदले में ले लीजिये खुशियों भरा जहान,खुशियों भरा जहान, लगेगा जीवन प्यारा,होंगे
Read Moreचूहे बिल्ली की तरह, तेरा मेरा प्यार जैसे ही होगा मिलन, छूटेगा संसार। दुनिया में मशहूर है , तेरा मेरा प्यार , तू रिश्वत मैं धांधली, चले मस्त व्यापार। टेढ़ी मेढ़ी जिंदगी, उस पर दुख अम्बार, फिर भी देखो अडिग है, तेरा मेरा प्यार। तेरा मेरा प्यार है, या अरहर की दाल , गल जाए तो ठीक है, वर्ना
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