मुक्तक/दोहा मानस मिश्रा 20/07/201622/07/2016 मुक्तक भारत के उपवन में जबतक मज़हब की फुलवारी है. माता का यह रूप नहीं है शोषित अबला नारी है. एक प्रश्न मैं Read More
मुक्तक/दोहा मानस मिश्रा 20/07/201622/07/2016 मुक्तक गर कुरान की आयत पढ़ते ऐसा कर्म नहीं होता. मज़लूमों का खून पिये जो ऐसा धर्म नहीं होता. कर्मकांड के Read More
मुक्तक/दोहा मानस मिश्रा 20/07/201622/07/2016 मुक्तक उसके दिल की हस्ती क्या है जिसके दिल में प्यार नहीं । सागर क्या सागर होता है जिसमें है मझधार Read More
मुक्तक/दोहा मानस मिश्रा 09/04/2016 कुछ दोहे १- महावीर औ बुद्ध का समझे नहीं जो मर्म कर्म काण्ड को छोड़कर लेकर बैठे धर्म २- माई माई कर Read More