ग़ज़ल
दिल्लगी औ दिल की लगी समझाता कौन है दर्द दिल में हो तो कहो…. मुस्कुराता कौन है बनती बिगड़ती देखी
Read Moreमनोज ने जब वृद्ध आश्रम की पहली सीढ़ी पर कदम रखा उसे बाबू जी की याद आ गयी.. अपनी पत्नी
Read Moreघर का दरवाज़ा खोल सुशील अंदर आ गया.. बिजली के स्विच को नीचे की तरफ दबाते ही कमरे में रौशनी
Read Moreजुडे अनेक फुहारों का मिलन बूंद निर्माण दिल का दर्द छलकते नयन खारी सी बूंद बूंद से मोती गुरू
Read Moreमनीष मिश्रा मणि कहानी – सेतु उम्र के उस मोड़ पर पहुँच गए थे बाऊजी की अब कुछ तमन्नाए बाकी
Read Moreमनीष मिश्रा “मणि” बढा शहर गाँव का बलिदान वक्त कसौटी बना लो घर ज़हन का शहर दिल का गाँव खडी
Read Moreधरती वासी प्रसन्न है और उम्मीद लगाये बैठे है.. बड़ा दिन क्रिसमस आने वाला है.. इस दिन सभी लोग सांता
Read Moreहुई बारिश सफर पर चले कागजी नाव वक्त ने लिखा सुख दुख का लेख पृष्ठ जिंदगी पन्ना रंगीन सुख दुख
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