कविता
वो मुझ से दूर हैये मन कहता हैदिल कहता है, यहींकहीं आस-पास हैहवा का झोंका जब-जबमेरे समीप आता हैएक पहचानी
Read Moreअपने सिद्धांतों पर जीते रहेदकियानूसी रिवाजों से हटाते रहे रिश्ता निभाया कभी तो दिल सेनफा नुकसान कभी सोचा न दिल
Read Moreदिल करता है तेरे आस-पास ही रहूं l चाहे क्यों न तुलसी बनकर ही रहूंl ज्यादा नहीं बस तेरे हाथों
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