धर्म रोपते हुए चलो
माना अनेक बाधाएं हैं चट्टान तोड़ते बढे चलो।आतंकी सर जितने आएं,गर्दन मरोड़ते बढे चलो। जिन आतंकी मस्तिष्को में ख़ूनी विचार
Read Moreमाना अनेक बाधाएं हैं चट्टान तोड़ते बढे चलो।आतंकी सर जितने आएं,गर्दन मरोड़ते बढे चलो। जिन आतंकी मस्तिष्को में ख़ूनी विचार
Read Moreसंतुलन समझ गतिविधि विचार, की पूर्ण चाँदनी खिलती है |भावों के गहन सिंधु में तब,उत्ताल तरंगे उठती है | पाना
Read Moreचैत्र महीना प्रकृति के लिएअनुपम उपहार है। छह ऋतुओं में बसंत ऋतु की महक इसी मास में सबसे अधिक होती
Read Moreहोगा नवल विहान सजीला नव संवतसर आया है |चहुँ दिस है मधुमास प्रफुल्लित पावन अवसर आया है | शीत न
Read Moreउत्तर खोज रहें हैपल-पल,बाकी बहुत सवाल हैं कुछ अच्छे कुछ बहुत बुरे कुछ, धर्म अधर्म बवाल हैं क्यों मर्यादा बिखर
Read Moreबे बात यूं ही मुस्कुराना छोड़ दीजिए नजरों से नजर को चुराना छोड़ दीजिए शम्मा जला के प्यार की यूं
Read Moreचार दिनों की मिली जिंदगी,हैवानों इंसान बनो |अहं भरी दीवार गिराकर,प्रेम भरी दीवार चुनो | मुट्ठी बांधे जग में आए,हाथ
Read Moreहर कर्तव्य निभाती जाऊं, इतनी शक्ति मुझे दे दो |नहीं कभी विचलित होऊँ मैं, इतनी भक्ति मुझे दे दो |
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