आया है ऋतुराज
लेकर नव उल्लास द्वार पर आया है ऋतुराजरंग बिरंगे पुष्प सुवासित धरा सजाए साज अमराई भर गई बौर से हर
Read Moreलेकर नव उल्लास द्वार पर आया है ऋतुराजरंग बिरंगे पुष्प सुवासित धरा सजाए साज अमराई भर गई बौर से हर
Read Moreप्रेम का दरिया दिलों में फिर बहाना चाहियेज़िन्दगी को प्रेम के रंग से सजाना चाहिये | छा गयी है धुन्द
Read Moreसाल का अंतिम दिवस ये कह रहा हैं आज हमसेमैं तुम्हारी भूल लेकर जा रहा लौटू न फिरसेकर प्रायश्चित भूल
Read Moreबड़ा सजीला रंग रंगीलाखेल खिलौनो का संसार |बचपन मे हम खेला करते ,गुड्डे गुड़िया का घर बार | कभी बनाते
Read Moreप्यार बस तुमको किया तुमसा दिखा कोई न था |अक्स दिल में दिल तेरा बाकी मेरा कोई न था |
Read Moreधरा को नेह जल बौछार से नहला गया सावन |नयन में स्वप्न भर सांसो को फिर महका गया सावन |
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