बेटी के कोमल सपनों को
बेटी के कोमल सपनों को , शिक्षा के दो पंख लगादो | सपनो को पूरा कर पाए, पंखो को परवाज़
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Read Moreसिंधु सा गहरा प्रणय है, थाह जिसकी है नहीं | प्रणय परणित साधाना बिन ,सृष्टि फलती है नहीं | पुष्प
Read Moreहे दो हजार बीस ! आभार तुम्हारा ; हमें परखने के लिए , हमें आजमाने के लिए | गिर गिर
Read Moreक्यों उल्फत ना काम बहुत है | सच पर क्यों इल्जाम बहुत है| झूठे इंसा मौज मनाते , सच्चों पर
Read Moreआशा बहुत है तुमसे हे दो हजार इक्कीस | तोड़ो सभी निराशा हे दो हजार इक्कीस | यह बीस जो
Read Moreउर मकरन्द लुटाता फूल | कभी न शोक मनाता फूल | रंग रंगीला सुंदर- सुंदर, मोहक प्यारा न्यारा फूल |
Read Moreसम्बन्धों में अपनापन हो ******************* चाहें जितनी हो दुरूहता , चाहें कितनी बाधाएं हो | मरुथल में शीतल बयार सी
Read More“आबाद रहे तू” गलवान घाटी में भारतीय सेना शांति से अपने खेमे में थी और अपनी सीमा में लहराते अपने
Read Moreबचपन के खेल (कविता) बड़ा सजीला रंग रंगीला खेल खिलौनो का संसार | बचपन मे हम खेला करते , गुड्डे
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