ग़ज़ल
ग़मज़दा हो रही है धरा आसमा- वक्त थम सा गया रोग आने के बाद डोर अब भी तेरे हाथ मे
Read Moreपीड़ित सकल समाज है,कोरोना से आज | ड्रैगन की करतूत से, गिरी सभी पर गाज | गिरी सभी पर गाज
Read Moreकैसे गाऊँ गीत प्रेम के पिय का प्रीत कलश रीता | हृदय पटल पर हे प्रिय हमने , अंकित तेरा
Read Moreनिर्भया और स्वर्ग ____________ बादल बीच लगाकर सीढ़ी ,स्वर्ग द्वार खोला| किरणों से ले ज्योति पुंज ,घर में अपार घोला|
Read Moreछोटी उम्र के बच्चों को ध्यान में रख कर लिखा गया साहित्य बाल साहित्य कहलाता है |साहित्य की परंपरा में
Read Moreजन-जन की पीड़ा दुःख हर लें ~~~~~~~~~~~~~~~~ देखो बसन्त ने दस्तक दी पर प्रकृति नहीं मुस्कायी है | भय छुपा
Read Moreदिल हमारा न ऐसे दुखाया करो – सब्र मेरा न यूँ आजमाया करो | बेरुखी की तपिश से जले आशियाँ
Read Moreइन्सानियत अभी ज़िंदा है *********************** शारदा उदय होते सूरज को नम आँखो से देख रही थी शुभ भी उसके पास
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