सात्विक धन एवं पुण्य कर्म ही लोक-परलोक में जीवात्मा के सहायक
ओ३म् मनुष्य को अपना जीवन जीनें के लिए धन की आवश्यकता होती है। भूमिधर किसान तो अपने खेतों में अन्न
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Read Moreओ३म् हम संसार में जन्म लेकर आंखों से अपने सम्मुख विचित्र संसार को देखते हैं तो इसकी सुन्दरता एवं विविध
Read Moreओ३म् हम वर्तमान में मनुष्य हैं। हम इससे पहले क्या थे और परजन्म में क्या होंगे, हममें से किसी को
Read Moreओ३म् [निवेदन- स्वाध्याय व ज्ञान की दृष्टि से महत्वपूर्ण आज हम डा. सोमदेव शास्त्री, मुम्बई का देहरादून के गुरुकुल पौंधा
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द ने अपना जीवन ईश्वर के सत्यस्वरूप की खोज एवं मृत्यु पर विजय पाने के उपायों को जानने
Read Moreओ३म् परमात्मा ने संसार में जीवात्माओं के कर्मों के अनुसार अनेक प्राणी-योनियों को बनाया है। हमने अपने पिछले जन्म में
Read Moreओ३म् हम मनुष्य हैं। हम वेदों एवं अपने पूर्वज ऋषियों आदि की सहायता से जानते हैं कि संसार में जितनी
Read Moreओ३म् वेद शब्द का अर्थ ज्ञान है। वेद नामी ज्ञान ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद नाम की चार मन्त्र संहिताओं
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार का मार्ग क्यों चुना? इसका उत्तर है कि उनके समय में देश व संसार
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द ने देश और संसार को अनेक सत्य सिद्धान्त व मान्यतायें प्रदान की है। उन्होंने ही अज्ञान तथा
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