Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर का त्रिकालदर्शी स्वरूप हमें सद्कर्मों की प्रेरणा करता हैं

ओ३म् हम और ईश्वर दो अलग अलग सत्तायें हैं। दोनों की सामर्थ्य भी अलग अलग हैं। मनुष्य अल्प शक्तिवाला है

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वैदिक धर्म के पुनरुद्धार में ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज का योगदान

ओ३म् भारतीय धर्म व संस्कृति विश्व की प्राचीनतम, आदिकालीन, सर्वोत्कृष्ट, ईश्वरीय ज्ञान वेद और सत्य मान्यताओं व सिद्धान्तों पर आधारित

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर-जीवात्मा का परस्पर संबंध और ईश्वर के प्रति मनुष्य के कर्तव्य

ओ३म् मनुष्य जानता है कि वह एक चेतन सत्ता है। जीवित अवस्था में चेतन सत्ता जीवात्मा शरीर में विद्यमान रहती

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अन्य लेख

बाधक शत्रु हमारे कल्याणकारी मार्ग से दूर हों

ओ३म् आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार जी वेदों को समर्पित अत्यन्त उच्च कोटि के विद्वान थे। उन्होंने जीवन भर वेद सेवा

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, अजन्मा एक ईश्वर ही सबका का उपासनीय है

ओ३म् मनुष्य का अस्तित्व अपने माता व पिता के द्वारा होता है। माता-पिता भी इस सृष्टि के नियमों का पालन

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

स्वामी श्रद्धानन्द के जन्मना जाति व्यवस्था पर उपयोगी विचार

ओ३म् स्वामी श्रद्धानन्द महर्षि दयानन्द के अनुयायी, आर्य समाज के नेता, प्राचीन वैदिक शिक्षा गुरूकुल प्रणाली के पुनरुद्धारक, स्वतन्त्रता संग्राम

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समाचार

ईश्वर हमारे सभी दुरितों व क्लेषों को दूर करने सहित हममें वैराग्य भावनायें भरें: साध्वी प्रज्ञा

ओ३म् रविवार दिनांक 28-3-2021 को वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में दिनांक 7 मार्च, 2021 से चल रहे तीन सप्ताह

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समाचार

परमात्मा ने हमारे सुख के लिये इस विशाल ब्रह्माण्ड को बनाया हैः स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती

ओ३म् वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून की पर्वतीय इकाई तपोभूमि में दिनांक 7 मार्च से 28 मार्च तक चतुर्वेद पारायण

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

महात्मा बुद्ध ईश्वर में विश्वास रखने वाले आस्तिक थे?

ओ३म् महात्मा बुद्ध को उनके अनुयायी ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक मानते हैं। इस सम्बन्ध में आर्यजगत के

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