ग़ज़ल
ये दुधारी की चोट है प्यारे जिनकी नज़रो में खोट है प्यारे आज मौका है बता दे उनको तेरे हाथो
Read Moreमूरख हिंदू कब जागेगा गहरी निंद्रा को त्यागेगा बढ़ा रहे हैं वह आबादी देश से छीनेगे आजादी मजहब से कानून
Read Moreसुबह दोपहर शाम वही है और रातों का वही हाल है कुछ भी नया नहीं है यारों कैसे कह दें
Read Moreअ से अक्षर ज्ञान बना है आ से है आदर्श बना इ से इमली ई से ईख उ से उत्तम
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