कैसे कह दें नया साल है
सुबह दोपहर शाम वही है और रातों का वही हाल है कुछ भी नया नहीं है यारों कैसे कह दें
Read Moreसुबह दोपहर शाम वही है और रातों का वही हाल है कुछ भी नया नहीं है यारों कैसे कह दें
Read Moreअ से अक्षर ज्ञान बना है आ से है आदर्श बना इ से इमली ई से ईख उ से उत्तम
Read Moreतोड रहे सब मर्यादाएं बिगड़े बोल सियासत के देखो क्या क्या रंग दिखाए बिगड़े बोल सियासत की सबसे ऊपर राष्ट्र
Read Moreमैं अगम अनाम अगोचर हूँ ये सृष्टि मेरी ही परछाई मैं काल पुरुष मैं युग द्रष्टा मानव की करता अगुआई
Read Moreहिन्दू चिंतन दर्शन क्या हैं मैं बोध कराने आया हूँ गौरव शाली अपने अतीत की याद दिलानें आया हूँ मैं
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