मैं अगम अनाम अगोचर हूँ
मैं अगम अनाम अगोचर हूँ ये सृष्टि मेरी ही परछाई मैं काल पुरुष मैं युग द्रष्टा मानव की करता अगुआई
Read Moreमैं अगम अनाम अगोचर हूँ ये सृष्टि मेरी ही परछाई मैं काल पुरुष मैं युग द्रष्टा मानव की करता अगुआई
Read Moreहिन्दू चिंतन दर्शन क्या हैं मैं बोध कराने आया हूँ गौरव शाली अपने अतीत की याद दिलानें आया हूँ मैं
Read Moreइस पुण्य पर्व में वैमनस्यता कटुता का होता है विनाश हर मानव के हृदयागन में मानवता करती मुक्त हास इस
Read Moreभारत की जनता को अपना इतिहास पढ़ाया नहीं गया सम्राट अशोक औ चंद्र गुप्त थे कौन बताया नहीं गया बस
Read Moreथा अंधेरों का भरम सारे उजाले निकले जो सभी साथ थे सब लूटने वाले निकले * घर को था बंद
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