ग़ज़ल
वो लोग जिनके लिये हमने गुल खिलाये थे मेरी मज़ार पे लेकर कुदाल आये थे वहाँ तो
Read Moreदेश की जनता साथ तुम्हारे बढ़ते जाओ मोदी जी मंजिल नजर आ रही सबको कदम बढ़ाओ मोदी जी छोटी मोटी
Read Moreसब के है सामने मेरा बस इक यही सवाल कैसे मिली आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल कितने जवां शहीद हुए
Read Moreएक लम्हा ज़हन पे तारी है फिर भी मन की उड़ान जारी है किस तरह दिल को अपने समझाएं खेलना
Read Moreखाना खाओ भरपेट मियाँ वो मिले प्लेट या दोने में तुम ढूंढ रहे हो जाने क्या दुनिया के कोने कोने
Read Moreदेखे हैं आजकल के ये रिश्ते कमाल के भौजाई बड़ी खुश है ननद को निकाल के ससुराल गजब की मिली
Read Moreहम कितने लाचार हो गये रद्दी का अखबार हो गये बीच भंवर में डूबी नौका समझे हम तो पार हो
Read Moreकल तक दावा था यह घर मेरा है सत्य यही है यह तो रैन बसेरा है सफर रूह का जब
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