भूखा हिंदुस्तान लिखा
हमने तो अपने नगमो में दिल का सहज बयान लिखा कभी लिखी बेबस की पीड़ा और कभी तूफ़ान लिखा जात
Read Moreहमने तो अपने नगमो में दिल का सहज बयान लिखा कभी लिखी बेबस की पीड़ा और कभी तूफ़ान लिखा जात
Read Moreये दिन तुम पर भी आयेंगे अपनी पारी तुम समझो वृद्ध पिता की बूढी माँ की जिम्मेदारी तुम समझो तुम्हे खिलाया गोद
Read Moreजैसे तैसे जल रहे हैं अब तलक हमसे दिये यातनाओं के शिविर में कब तलक कोई जिये था अहम मुनि
Read Moreशाख से टूटे हुए पत्ते बताते हैं व्यथा कल हमारे दम से रौनक थी इसी गुलजार में और सूखे फूल
Read Moreआ गया हूँ द्वार तेरे माँ स्वयं से हार कर याचना है बस यही विनती मेरी स्वीकार कर कोटि अरि
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