Author: डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

सामाजिक

ख़ुश रहना ख़ुदगर्ज़ी नहीं, बल्कि ख़ुद से मोहब्बत है

दूसरों की ख़ुशी लाज़िमी है, मगर अपनी ख़ुशी भी उतनी ही अहम है।हर रोज़ कुछ लम्हे सिर्फ़ अपने लिए वक़्फ़

Read More
पर्यावरण

बारिश में खूबसूरती, अपने सबसे हसीन रूप में नज़र आती है।

बारिश का मौसम फ़ितरत,क़ुदरत, की सबसे ख़ूबसूरत और दिलकश रुतों में से एक है। इस मौसम में ना सिर्फ़ ज़मीन

Read More
सामाजिक

आज के समय में पिता की बातों का  महत्व कम हो रहा है?

अब परिवारों में लोकतांत्रिक माहौल बढ़ रहा है, जहां हर सदस्य की राय को महत्व मिलता है। पहले पिता का

Read More
भाषा-साहित्य

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज, साहित्यिक व्यक्तित्व और समाज पर प्रभाव।

परिचयडॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज, हरदा (मध्य प्रदेश) के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं, जिनकी रचनाएँ पिछले 30-32 वर्षों से देशभर की

Read More
सामाजिक

इंसान का अंदर ही अंदर टूटना और खामोशी — एक तफ़सीली तसव्वुर

इंसान जब अपनों के रवैयों से टूटता है, तो उसका दर्द लफ़्ज़ों में बयां करना आसान नहीं होता। अपनों से

Read More