अलविदा बाबू जी
मेरा बेटा देवेन्द्र अपनी मातृभूमि लोहाघाट (उत्तराखंड) घूमने लंबे समयांतराल बाद गया था।लाकडाउन लग जाने के कारण देवेन्द्र को काफी
Read Moreमेरा बेटा देवेन्द्र अपनी मातृभूमि लोहाघाट (उत्तराखंड) घूमने लंबे समयांतराल बाद गया था।लाकडाउन लग जाने के कारण देवेन्द्र को काफी
Read Moreचलता है वह खूबसूरत एहसास लेकर, कीचड़ के छीटे गिरते उसी पर! चलता है वह रंगों का गुलाल लेकर, कालिख
Read Moreपिछले महीने सितम्बर के आखिरी हफ्ते की बात है, मैं कुछ अनमनी, हैरान, परेशान सी थी, अपने ही लोगों से
Read Moreबेटे भले ही झूठे निकलें पर बेटी तो सत्य अटल है, बेटी का मान सदा ही रखना सब,बेटी है तो
Read Moreसमझ सको तो समझो औरत की लाचारी को बंदिशों में जकड़ी एक भोली भाली नारी को समझ सको तो समझो
Read Moreमेरा हृदय वेदनाओं से भर जाता है! नयनों में विसाद के नीर बरबस छलकते हैं!जब किसी के आकस्मिक दुनिया से
Read Moreउम्र के इस पड़ाव पर मैं भूल गयी थी सब पढ़ा लिखा अब कैसी है ये जिद तुम्हारी कलम देकर
Read Moreलेकर चल कोयल मुझे भी तू गाँव के द्ववारे, छोड़ आई जहाँ बचपन के गुड्डी गुड़िया सारे! वह सेमल का
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