कविता – सुकून
सुकूनजिसकी तलाश मेंभाग रहा है हर शख्ससुबह, शाम चारों पहर,शिद्दत से लगा है कमाने मेंधन-दौलत,नाम-शोहरत,पर पाकर भी उसेनहीं है सुकून
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Read Moreचलते रहने का नाम ही जिंदगी है। जिनको जिंदगी से शिकायत है वे पूरी जिंदगी शिकायत ही करते रह जाते
Read More‘अजी, उठिए न। आज आपके हाथ की बनी चाय पीनी है। बहुत दिनों से आपके हाथ से बनी चाय नहीं
Read Moreचतुर लाल जी पेशे से टीचर हैं। बीए, एमए, बी एड सब कर रखा है। फस्ट क्लास में। एमए गोल्ड
Read Moreलखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी। नवाबों का शहर। यहां का सचिवालय। भव्य, विशाल। इसी सचिवालय में घनश्याम शर्मा एवं विमल कुमार
Read Moreदिल मुस्कराता है याद कर बचपन की नादानियां याद कर दादी-नानी की मनमोहक कहानियां दिल मुस्कराता है याद कर मम्मी
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