कविता

दिल मुस्कराता है

दिल मुस्कराता है

याद कर बचपन की नादानियां

याद कर दादी-नानी की मनमोहक कहानियां

दिल मुस्कराता है

याद कर मम्मी को छिपकर पुकारना

याद कर मम्मी की डांट और उसका पुचकारना

दिल मुस्कराता है

याद कर छिपकर काॅमिक्स पढ़ना

याद कर डब्बे से चुराकर बिस्किट,टाॅफी खाना

दिल मुस्कराता है

याद कर भर दिन पतंग उड़ाना

याद कर छोटू को साइकिल सिखाना

दिल मुस्कराता है

याद कर सावन के मेले का झूला

याद कर वो बर्फ का गोला

दिल मुस्कराता है

याद कर स्कूल से बंक मारना

याद कर छिपकर माॅनिंग शो देखना

दिल मुस्कराता है

याद कर यौवन की छेड़खानियों

याद कर दोस्तों के संग लेट नाइट पार्टियां

दिल मुस्कराता है

याद कर पहला क्रस

याद कर पहला प्रेम पत्र

दिल मुस्कराता है

याद कर काॅलेज की मस्ती

याद कर पहली जाॅब सलेक्शन की चिट्ठी

दिल मुस्कराता है

याद कर सेहरा बांधने का पल

याद कर किसी का हमसफर बनने का प्रण

दिल मुस्कराता है

याद कर पिता बनने का अविस्मरणीय क्षण

याद कर मुन्ने का रेंगते हुए आगे बढ़ने का पल

दिल मुस्कराता है याद कर…

— मृत्युंजय कुमार मनोज

मृत्युंजय कुमार मनोज

जन्म तिथि -3.8.1977 पेशा - सरकारी नौकरी (भारत सरकार) पता- टेकजोन-4, निराला एस्टेट ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) उ.प.201306