…..ग़ज़ल …….
देखो कैसा चलन हो गया दिल दुखाना भी फन हो गयाउसने इस दर्जा चाहा मुझे उस के कब्ज़े में मन हो गया नींद आँखों
Read Moreदेखो कैसा चलन हो गया दिल दुखाना भी फन हो गयाउसने इस दर्जा चाहा मुझे उस के कब्ज़े में मन हो गया नींद आँखों
Read Moreआज वो बहुत उदास थी , कुछ भी नहीं सूझ रहा था उसे……। क्या अब तक उस ने जो भोगा वो
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