“ज़िन्दगी अनुबंध है” ग़ज़ल संग्रह की समीक्षा
आमतौर पर ऐसा ही होता आया रहा है कि ग़ज़लो-शे’रो-शायरी की दुनिया में प्रेम,मोहब्बत,विरह,वेदना वग़ैरह-वग़ैरह को ही हम विषय का
Read Moreआमतौर पर ऐसा ही होता आया रहा है कि ग़ज़लो-शे’रो-शायरी की दुनिया में प्रेम,मोहब्बत,विरह,वेदना वग़ैरह-वग़ैरह को ही हम विषय का
Read Moreगुरूर ख़ाक हो जाएगा मग़रूर ख़ाक हो जाएगा अपने पाप-कर्मों से ही असुर ख़ाक हो जाएगा खाया एक गच्चा जो
Read Moreमानवता का पाठ पढ़ाकर जीवन क्या है दिखलाया क,ख,ग,घ और ककहरा तूने मुझको सिखलाया आज बना बलबूते तेरे अध्यापक सरकारी
Read More01. वे नरेन्द्र पशुतुल्य हैं, क्या ब्राह्मण क्या सूद। अंतस में जिनके नहीं, मानवता मौजूद।। 02. खून मांस भी एक
Read Moreनदी-नाला-नार देखिए कूड़े का अंबार देखिए कूड़े में कीड़ो-सा बझा खंडहर परिवार देखिए भूखे-प्यासे पेट के मारे बच्चे को लाचार
Read Moreखा जाता है हुजूर आदमी को आदमी का गुरूर आदमी को। बनाता है नेको-बद आदमी को आदमी का शऊर आदमी
Read Moreकविता समय का अर्पण है साहित्य समय का दर्पण है हर मुद्दे पर बात करें जो और समय के साथ
Read Moreईश्वर ओम हो जाएगा पत्थर मोम हो जाएगा घर में क्लेश कैसा जब संकट होम हो जाएगा पढ़ अध्यात्म-दर्शन खुद
Read Moreमानव नहीं दरिंदे हैं हम, मनबढ़ मस्त परिंदे हैं हम, प्यास हमारी जिस्मानी है, हैवानी पर जिंदे हैं हम। मानव
Read Moreसीधे-सादे थे सरल भारत के स्वर्णिम कल पुण्यतिथि पर करूं नमन थे अटल इरादों वालें अटल सर्वगुण-संपन्न सफल सच्चे राष्ट्र-नायक
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