हाइकु
1 आई री होली रंग और गुलाल बाली उमर 2 मधुर क्षण हाथों में
Read Moreखुँटी पर टँगा पुराना कोट जैसी हो गई है जिंदगी परिवार में “हूँ” भी, “नहीं हूँ” भी; काश इंसान भी
Read More“सुनो जी। मुझे लगता है, हम दोनों के संबंध में कुछ बासीपन- सा आ गया है। ऐसा कुछ करो
Read More1 पीली चुनरी दुल्हन सी दिखती चैत्र में धरा 2 मोहक हँसी राजस्थानी चुनरी
Read More“सुनो जी। मुझे लगता है,हम दोनों के संबंध में कुछ बासीपन- सा आ गया है। ऐसा कुछ करो न कि
Read Moreनेताजी ने आईसीएस की परीक्षा पास करने के बावजूद अंग्रेजी हुकूमत के तहत काम न करने का निर्णय लिया था
Read More” नहीं… मुझे नहीं चाहिए आपकी हमदर्दी।” नीता की अंतरात्मा पुकार उठी, बॉस की हमदर्दी उसे जहर -सी लगी। ”
Read Moreराजेंद्र और उनकी पत्नी अस्पताल में बहू को देखने आए थे। बहू प्रसूति कक्ष में दाखिल थी। गाँव के अस्पताल
Read More“बहुत थक गई हो इस दिवाली में तुम। चलो घूम आते हैं थोड़ी देर के लिए।” पति की बातों से
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