कविता – अन्याय का प्रतिरोध
तूने दी बंदूक उसे कि रक्षा होगी तेरी पर,अफसोस जनतंत्र में भी जानें जाती तेरी। करे वो अन्याय फिर भी
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Read Moreआज से लगभग छह साल पहले पिताजी के स्थानांतरण के कारण हम लोग साहिबगंज जिला मुख्यालय आ गए। मेरा दाखिला
Read More1 कीमती धातु सोना जिसका नाम बढ़ता दाम 2 सोने का रंग ज्यों गोरी
Read Moreवात्सल्य से बड़ा प्रेम नहीं अपत्यस्नेह-सा दूजा कुछ नहीं मातृ रुधिर से बनती संतान कितना पवित्र स्तनपान। संतान के लिए
Read More“माँ, तुम मेरी चिंता क्यों करती हो?” “क्यों न करूँ,अभी तक न तुम्हारी नौकरी लगी है और न शादी हुई
Read Moreदिन महीने साल देखते -देखते बीत गए। नीलिमा ने ग्रैजुएशन की पढ़ाई भी पूरी कर ली। मध्यम वर्गीय परिवार में
Read Moreपेड़ को नई कोंपलों से भरा देख अंकुर चकित हो गया। दस दिन पहले तक पेड़ में एक भी पत्ता
Read Moreरश्मि ने हर रविवार को अपने शहर के स्लम बस्ती में जाकर गरीब बच्चों को खीर पूड़ी आदि खिलाने का
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