हाइकु/सेदोका

हाइकु

          1

नीर की धारा

सूखती चली गई

प्रचंड गर्मी

           2

प्रेम की धारा

है बहुत जरूरी

 भाई -भाई में

             3

बहने लगी

अश्रु जल की धारा

बिछड़े मिले।

— निर्मल कुमार दे

निर्मल कुमार डे

जमशेदपुर झारखंड nirmalkumardey07@gmail.com