चंद दोहे आरक्षण के नाम
” दीमक वाले देश में,बस कुर्सी की होड़। आरक्षण की आड़ में,पनप रहा है कोढ़।।” “आरक्षण धरना लगे, देशद्रोह सम
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Read Moreयुगों बाद युगल धरती की ओर आया था। स्त्री- ये कीड़े मकोड़े से क्या दिख रहे? एक दूसरे को मारते-काटते।
Read Moreजब जैन धर्म में चतुर्मास शुरू होता मुझे प्रवास के लिए समय मिलता सदा। इस वर्ष फिर महाराष्ट्र, कर्नाटक जाना
Read More28 जनवरी, आबूरोड, शांतिवन में अन्नामलाई विश्वविद्यालय द्वारा दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें देश के सभी राज्यों
Read More8 जनवरी 2018, दिन सोमवार, विश्वपुस्तक मेला, प्रगति मैदान के लेखक मंच से लखनऊ के काव्या सतत साहित्य यात्रा समूह
Read More12 जनवरी,2017 दिन गुरुवार, अपराह्न 2 बजे से विश्वपुस्तक मेला प्रांगण, प्रगति मैदान के लेखक मंच से “काव्या सतत साहित्य
Read More5 सितम्बर,शिक्षक दिवस के पुनीत अवसर पर “काव्या” सतत साहित्य यात्रा समूह ने अपनी द्वितीय वर्षगांठ के उपलक्ष्य में काव्यगोष्ठी
Read Moreजयचंदों की संख्या बढ़ने लगी, बरदाई का आना बाकी है। इन जयचंदो को जड़ से उखाड़ना पछाड़ना बाकी है।। गांधी
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