कोरोना
एक जुट होकर हम सब को अब देश के लिए कुछ करना है कोरोना नामक बिमारी को देश से उखाड़
Read Moreजब भी अकेली होती हूँ जी लेती हूँ अपने बीते हुए लम्हें को जिसमे न कोई बंधन न किसी की
Read Moreएक बेटी से बहु बनना इतना आसान नहीं होता है जितना कि कहना। कहने को तो लोग कह देते हैं
Read Moreबैठी कर के सोलह श्रृंगार देखो रूप सलोना मन के उमंग देखो कजरारे आंखो से लज्जा झलकता है होठ के
Read Moreतुम बदल गयी हो यही कहते हैं न लोग तो सुनो हाँ मै बदल गयी हूँ जो सूर्य अस्त होते
Read Moreआज समझ आया क्या होता है अपना और पराया जिसे अपना समझ जीती थी अंधविश्वास मे एक पल में टूट
Read Moreनहीं लिखना मुझे अब कोई कविता या कहानी लिखने से क्या फायदा जब डायरी मे ही सिमट कर रह जाते
Read Moreआमो के डाल पर कोयल का बसेरा चारो तरफ पेड़ो के बीच अपना एक प्यारा सा आसियाना सुबह कोयल के
Read Moreकहीं खो से गए हैं वो हँसी वो लम्हे वो दोस्ती वो प्यार वो अपनापन वो तकरार कहाँ कहाँ नहीं
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