नारी को मत समझो अबला
नारी को मत समझो अबला , नारी सदा रही हैं सबला , क्यों पड़े हो इसके पीछे , आपने को
Read Moreनारी को मत समझो अबला , नारी सदा रही हैं सबला , क्यों पड़े हो इसके पीछे , आपने को
Read Moreवर्षो से तमन्ना लिए बैठी , अब करू बातें दिल की , मगर किसके साथ करू बातें जुबानी , यही
Read Moreशत -शत बार उन्हें प्रणाम , जो करेगा गरीबो का सम्मान | वही होगा सच्चा इंसान , ईश्वर करेगा पूरा
Read Moreआस लगी है सारी नगरी , कब आएगी वर्षा रानी | इस प्यासी -प्यासी धरती पर, कब बरसाओगी बूंदा- बूंदी
Read Moreये हरे भरे वृक्ष हमे , सदा यु ही भाते हैं | अपने बड़े -बड़े टहनियों से , ठंढी हवा
Read More