कविता

आज …..

आज बैठ गयी कुछ नया लिखने ,

नए -नए यादो में ,

नए शब्द पिरोने ,

शायद कभी नही लिखी हो ,

मैं भी अजीब हूँ ,

नए शब्द को खोजते -खोजते ,

खुद ही कही खो जाती हूँ ,

आज पूरी कर दूंगी ,

जो लाइने छोड़ी थी अधूरी ,

लफ्जो के बीच जो जगह है बाकी,

आज उसे भी पूरा करुँगी |

निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

2 thoughts on “आज …..

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह !

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      dhanybad

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