ग़ज़ल
कितना दुखा है दिल वो नादान क्या जाने क्या छीन लिया मेरा वो बेईमान क्या जाने। हम टुकड़े दर्द ए
Read Moreमेंरी आँखों में नमी है कोई बात है ज़रूर कोई सिसक सिसक के रोया तो है ज़रूर । मिलते नहीँ
Read Moreढूँढ़ते हैं मगर कोई हमें उनसा नहीँ मिलता गुल रोज़ खिलते है कमल दिल का नहीँ खिलता। बड़ी आसानी से
Read Moreअच्छा है मेरा हाल कोई पूछता नहीँ किस दौर से गुजरे हैं हम पुछता नहीँ । यूँ रूठ कर बैठे
Read Moreतन्हाई छोड़कर महफ़िल मे आके देखिए बड़ा सुकून है यहाँ आजमाके देखिए। कई जराग हवाओ ने बुझाएँ हैं मगर आस
Read Moreरिमझिम रिमझिम बोले बूँदे सावन की पिया बसे परदेस खबर नहीँ आवन की। हो गई बैरन रुत रे सुहानी सरसे
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