गीत/नवगीत

रिमझिम रिमझिम बोले बूँदे सावन की

रिमझिम रिमझिम बोले बूँदे सावन की
पिया बसे परदेस खबर नहीँ आवन की।
हो गई बैरन रुत रे सुहानी
सरसे सरकी चूनर धानी
बाज़ी रे पयलिया पावन की
पिया बसे परदेस======
तकि तकि राह नयन पथराए
कबके गए हैं अजहूँ न आए
रोए री गलियाँ गावन की
पिया बसे परदेस======
कोयलिया यूँ कुहुकि जो जावे
बैरन निगोडी जिया जलावे
याकी बाट पड़ी है सतावन की
पिया बसे परदेस========
कारे कारे बदरा झूम के आवें
बीते दिनन की याद दिलावें
संग बिताए पहले सावन की
पिया बसे परदेस=======
“जानिब”

*पावनी दीक्षित 'जानिब'

नाम = पिंकी दीक्षित (पावनी जानिब ) कार्य = लेखन जिला =सीतापुर