गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 04/09/2021 ग़ज़ल तनहा अकेले हमसे कटता नहीं सफर हर ओर ढूंढती हैं तुझको मेरी नज़र। बिछड़े भी नहीं और जुदा तुम से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 25/08/2021 ग़ज़ल यूं मोहब्बत में हमसे इबादत हुई वो इंसान था और खुदा हो गया। रूह छूने का उसमें हुनर आ गया Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 03/07/2021 ग़ज़ल अभी-अभी तो मैंने होश को संभाला है कि पहली बार कदम घर से निकाला है। बड़ी ही धुंधली थी तस्वीर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 13/06/2021 ग़ज़ल दिल में खामोश मोहब्बत लिए फिरते हैं बयां तो कर दे अंजाम से हम डरते हैं। कैसी चाहत है कसक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 22/05/202127/05/2021 ग़ज़ल अपनी खुद्दारी अपनी कलम कभी नहीं बेचेगी तूफानों से टकराकर भी घुटने कभी न टेकेगी। सीना चीर के धरती का Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 08/04/2021 बसंत रुत आ गई लो बसंत रुत आ गई हां बसंत रुत आ गई पीली पीले सरसों फूले पुरवाई बहका गई। फूल फूल पर Read More
गीत/नवगीत *पावनी दीक्षित 'जानिब' 08/04/2021 होली होली का त्यौहार है रंगो की बौछार है रंग बिरंगी रंगों में रंग गया संसार है। रंग भरी पिचकारी ले Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 05/03/2021 ग़ज़ल वह आज हम से यूं मिल रहे हैं जैसे चराग आंखों में जल रहे हैं। मुझे एक मुद्दत से थी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 04/02/2021 ग़ज़ल बेशर्म थी वो तुम तो शर्म कर ही सकते थे दामन में उसके इज्जतें भर भी सकते थे। माना के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 10/01/202127/01/2021 ग़ज़ल हर इरादा मोहब्बत का नाकाम आया है राहें अपनी जुदा हुई हैं वो मकाम आया है। सुना है दोस्ती से Read More