अनहित
प्रभु से मानव जीवन मिला,सोच समझकर चलना ,किसी का अनहित न करनासत्य के मार्ग पर चलना, जगत में हित कर्म
Read Moreइतना तू करना प्रभु,जब प्राण तन से निकलें,हर पल तेरा रूप हो,हर सांस पर तेरा नाम निकलें, सब मोह माया
Read Moreतुम्हें लिखना अच्छा लगता हैलोग अक्सर पूछने लगते हैक्या कोई दर्द दिल में हैजो भाव से बयां करते है लिखती
Read Moreसंसार में तरह तरह के लोग हैकुछ अच्छे कुछ आस्तीन के सांप हैसामने से बहुत प्रेम दिखाते हैअंदर से छल
Read Moreव्यस्त भरी जिंदगी में सुख भरी सांसे कम हैभाग रहा इंसान धन , दौलत के पीछे हैशांति कहां उसकी जिंदगी
Read Moreकुछ उम्मीदों को लेकर नारी आती,पीहर से विदा होकर जब सुसराल आती,सबको खुश रखना यह बात बतायी जाती,सबको सम्मान देना,यह
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