जैव विविधता की समृद्धि का आधार है आर्द्र भूमि
प्रकृति जीवों-पादपों की पोषक है, सांसों का स्पंदन है। प्रकृति की रचना में जीवन का सौंदर्य एवं लास्य नर्तन है।
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Read Moreकलपवास नर-नारी करिहैं।भवसागर ते पार उतरिहैं।।पौष पूर्णिमा शुभ दिन आई।एक माह रुचि गंग नहाई।।नियमित ध्यान दान तप धरमा।चिंतन मनन जपन
Read Moreभारतवर्ष कर्म की भूमि है और धर्म की भी। इस पावन भूमि का कण-कण दैवीय ऊर्जा से अनुप्राणित है तो
Read Moreशब्द केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, अपितु जीवन के संगीत और रचनात्मकता के राग का प्रतीक भी होते हैं। अर्थ
Read Moreकिसी व्यक्ति के समाज जीवन में किया गया एक समाजोपयोगी राष्ट्रीय कार्य उसे न केवल वैश्विक पहचान देता है बल्कि
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Read Moreजून 2024, दूसरे पखवाड़े के 5 दिन ही बीते थे। सूरज अपनी ही आग में जला जा रहा था। तीखी
Read Moreशैक्षिक भ्रमण ज्ञान सर्जना का पुरातन फलक है तो नित नवल विधा, सीखने की अधुनातन ललक भी। हास, परिहास, उमंग,
Read Moreपरिवार एवं समाज के विकास के लिए यह अत्यावश्यक है कि स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से
Read More1985 में यूनिसेफ के सहयोग से प्रकाशित कृष्ण कुमार की पुस्तक ‘बच्चे की भाषा और अध्यापक एक निर्देशिका’ आज भी
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