क्रांतिकारियों को शब्द सुमन चढ़ाती कृति ‘राष्ट्र साधना के पथिक’
देश के स्वाधीनता संघर्ष में योगदान देने वाले के बहुश्रुत क्रांतिकारियों के साथ ही गुमनाम नायकों के देशप्रेम, त्याग और
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Read Moreकोरोना संकट के कारणों एवं संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर कुछ पुस्तकें आई हैं। पर मानव की सोच, मनोविज्ञान
Read Moreआज दुनिया विभीषिका, विध्वंस एवं विनाश की ओर बढ़ रही। मानवता, संवेदनशीलता, मानवीय मूल्य एवं आदर्श सामाजिक सद्भाव एवं समरसता
Read Moreसागर निर्झर सर नदी, धरती सुंदर रूप। रखें धरा को नम सदा, झील बावली कूप।। धरती पर उगते रहे ,
Read Moreहोला महके खेत में, सोंधी लगे मिठास। छाछ दही सह पीजिए, गन्ने का रस खास।। होला भुनता मेंड़ पर, महक
Read Moreफागुन में हैं गुण भरे, लगे गुलाबी धूप। सघन शीत में था बुझा, सुंदर निखरा रूप।। जमे दिवस घुलने लगे,
Read Moreफगुवारों के दल सजे, नेह लुटाती फाग। चौपालें खुश हो झूमतीं, नाचें कोयल काग।। जन-जन का मन मोहते, होली के
Read Moreकविता स्वप्न सँवारती, भाव भरे उर इत्र। जीवन पुस्तक में गढ़े, रुचिर सफलता चित्र।। कविता गंध बिखेरती, कविता है जलजात।
Read Moreशब्द सँवारे हृदय को, हरें सकल दुख पीर। मीत बनें ज्यों कष्ट में, शुष्क धरा को नीर। सघन प्रेम से
Read Moreमानव मन में प्रीति की, बहे सदा रसधार। अँजुरी भर-भर पीजिए, अमिय नेह हर बार।। जब समरसता की बहे, सुरभित
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