विद्यालयों को आनंदघर बनाने की जरूरत
आज ‘बालदेवो भव’ के उपासक और शिक्षक समुदाय एवं समाज के समक्ष विद्यालयों को आनंदघर बनाने का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत
Read Moreआज ‘बालदेवो भव’ के उपासक और शिक्षक समुदाय एवं समाज के समक्ष विद्यालयों को आनंदघर बनाने का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत
Read Moreअतर्रा (बांदा)। जनपद निवासी शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय के संपादन में शैक्षिक संवाद मंच की प्रकाशन योजना अंतर्गत
Read Moreभारत माता के वंदन में उपवन महक रहे। कलरव करतीं सरिताएँ, नभ पंछी चहक रहे।। सूरज ने माथे मल दी
Read Moreइसी जुलाई में काव्यांश प्रकाशन से मितेश्वर आनंद की एक कथा कृति आई है ‘हैंडल पैंडल’ जिसे पाठकों ने हाथोंहाथ
Read Moreदेहरादून रहवासी कथाकार जितेन्द्र शर्मा पिछले पांच दशकों से अनवरत कहानियां रच-बुन रहे हैं। उनके चार कहानी संग्रह ‘विरुद्ध’, ‘किधर’,
Read Moreलेख की शुरुआत मैं मनोशिक्षाविद् विलियम हाॅल के एक वाक्य से करता हूं जिसमें वह कहते हैं कि यदि हम
Read More“सूखा ताल नीचे गहरी खाई में था। उसके साथ-साथ ही पहाड़ की यह खड़ी दीवार थी, जिसके किनारे पर खड़े
Read Moreसाहित्य की विविध विधाओं में संस्मरण, यात्रावृत्त एवं आत्मकथाएं पाठकों को बहुत लुभाती रही हैं। कारण कि हर कोई अपने
Read Moreभारत में ज्ञान संस्कृति की सम्पदा श्रुत परम्परा में सुरक्षित, संरक्षित एवं जीवित रही है। इसीलिए वेदों एवं अन्य आर्ष
Read Moreसंकट संबल निकलेगा। भाई का बल निकलेगा। पत्थर की कारा से अब, जीवन रस जल निकलेगा।। सब अपने, कौन पराया।
Read More