कचड़ा- पेटी….
उल्टी गंगा, फीकी धरती, कचड़ा-पेटी, दिन भर ढ़ोती, आसमान में बारिश होती, उड़ गए कचड़े, चिड़ियी सोती, नाक ना जाने,
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Read Moreकन्याकुँवारी…. उम्र भयी अब , वर की चिंता , घर की पूँजी , दॉव लगाए , है…बाजार ,
Read Moreऐ शाम ए ज़िन्दगी मुझसे मुलाकातें तो कर ऐ शाम ए ज़िन्दगी फुरसतों में दो बातें तो कर हल्की हल्की
Read Moreअंजान चेहरो में ख्वाब ढूँढते हैं हकीकत से दूर कुछ रिश्ते मिलने को तरसते हैं पड़े किनारे पर चाह लिए
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