ताज के सामने
ताज …..के सामने , छाते में , दुकान सजाए बैठा है। वह एक आम आदमी है। हर किसी के ,
Read Moreताज …..के सामने , छाते में , दुकान सजाए बैठा है। वह एक आम आदमी है। हर किसी के ,
Read Moreजय मंगलमूर्ति …श्री गणेशा । जय विघ्न विनाशक। हरो कष्ट कलेशा।। संपूर्ण विश्व का उद्धार हो। जीवन का आविर्भाव हो।
Read Moreकठपुतलियां है जीवन के, रंगमंच की । जुड़ी है जिन धागों से , जो सभी के, धागों को नचाता है
Read More“मैं साहित्यकार, संसार को नित जगाता रहा। किस ओर जा रहा है। उसका
Read Moreरात काफी देर तक वो जागती रही ।आंखों में नींद इतनी थकावट के बाद भी नहीं आ रही थी। हर
Read Moreकलम सिपाही प्रेमचंद ने , मानव चरित्र का आख्यान लिखा। धनपत राय श्रीवास्तव से , प्रेमचंद हो , जीवन का
Read Moreरिमझिम- रिमझिम आओ फूहारो, मीठे गीत सुनाओं फुहारो। प्यारी-प्यासी इस धरती पे। प्रेम का जल बरसाओं फूहारो।। रिमझिम – रिमझिम
Read Moreवो गलिया, वो दरवाज़े बदल जाते है | बचपन के चाव, जवानी आते-आते ठहर जाते है | कहाँ ढूँढे कोई
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