आग का दरिया सुने ज़माना हो गया
उजड़ी नींदों का सफर भी तब सुहाना हो गया यूँ गुज़रा छूकर वो दिल तो बस दीवाना हो गया करवटों
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Read Moreबैठी चुप आगार मैं प्रज्वल दीपक दिशि चार हर झोंके से लड़ रहीं पलकें निज बाँह पसार।। दिशा भरम ना
Read Moreइन दो आँखों की कश्ती में साजोसामान सभी रखकर। धाराओं का रुख करती हूँ मैं तो तेरी नगरी चलती हूँ
Read Moreहम सत्य के जितने करीब उतने उज्ज्वल,उतने धवल सत्य का सिर्फ एक रंग “श्वेत” विलीन है जिसमे रंग अनेक मिथ्या
Read Moreएक चादर हुई झीनी तो क्या कोई ग़म मत कर यार उस पार जुलाहा बैठा है और हम आये मझधार,
Read Moreनमो नमो जय मोदी जी हर दर्जे हर पर्चे में है अब खबर गर्म बस मोदी जी बड़े बड़े दिग्गज
Read Moreज़िन्दगी… अब तक तुमने जितने भी रेखाचित्र बनाये सूखी भुरभुरी इस रेत पर मिटने नही दिए मैंने उनके नामोनिशान… जिस
Read Moreअदाएं याद आती हैं वफायें याद आती हैं मेरे गुजरे हुए लम्हे तुझे लिखनी ये पाती है तुम्हारे देस की
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