मुसाफ़िर
दुनियाँ के सफ़र में है हयात मुसाफ़िर भटक रही यहां पर है किसकी खातिर एक राह है आने की जाने
Read Moreतेरी यादों की परछाई नहीं सोने देती गुफ़्तगु की वो रानाई नहीं सोने देती रुठकर नींद जा बैठी है दूर
Read Moreमोहे अपने रंग रंगो सांवरिया इश्क की कोरी कोरी चुनरियां कृपा दया ममता करुणा को रंगा बनाओ चोखो भरो प्रेम
Read Moreतू न आया मौसमेँ गुल फिर से आ गया यादों का नशा फिर से मेंरे दिल पे छा गया कलियों
Read Moreगुनगुनाती हैं हवाएं तुम आओ तो सही दे रहा दिल भी सदाएं तुम आओ तो सही बहरे हस्ती में चलो
Read Moreदौर ए तनहाईयों में कोई सहारा होता दीवारें बोलती और ज़िक्र तुम्हारा होता उदासियों का है आलम शबे तनहाई में
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