मृत्युभोज
सब खीर पूरी खा रहे,हंस हंस के बतिया रहे,कौन सा खाना कैसा बना हैखूबी कमियां गिना रहे,घर के मुखिया के
Read Moreइंसान हूं इंसान होने की अहमियत परखुलकर फक्र करना चाहता हूं,गगन में उड़ते मानसिकता में रहना चाहता हूं,ये सब मुझे
Read Moreविध्वंसकों तनिक अपनी धरा की भी सोचो,उन्हें चहुंओर से न नोचो,जरा याद करो,उन्हें किस कदर सताए हो,हर कर्म से जार
Read Moreहम सदा से ही सरल व सीधे रहे हैंनहीं बन सकते आपकी तरह खूंखार,रोकने की आपकी हस्ती नहींजय भीम कहेंगे
Read Moreजनता से उसका रिश्ता खास है,वह सबको बरगलाने में उस्ताद है,भले आदत से लाचार है,पर बहुत ही जिम्मेदार है,जिम्मेदारी भरपूर
Read Moreबाबा साहब ने कहा था किभविष्य का सफर तय करने के लिएअपने इतिहास का ज्ञान जरूरी है,जिसके बिना जीवन में
Read Moreकिसी ने भी हमें ये क्यों नहीं बताया है,कि बुद्ध इस भारत में बार बार आया है,बुद्ध की प्रासंगिकता हमेशा
Read Moreउमड़ घुमड़ के उठ रहेजज्बातों का क्या?दमितों पर हो रहे अत्याचार केसवालातों का क्या?निरा खामोश बन निरीह मानव,निगलने को आतुर
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